12 Feb 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी व्हाइट हाउस के ठीक सामने ब्लेयर हाउस में ठहरेंगे, जो अमेरिकी राष्ट्रपति का गेस्ट हाउस है.
व्हाइट हाउस के बाद ब्लेयर हाउस (Blair House) को सबसे ज्यादा आलीशान माना जाता है. इस हाउस ने 200 साल के अमेरिकी राजनीतिक, कूटनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
अमेरिका में आने वाले खास विदेशी मेहमानों, राष्ट्राध्यक्षों और गणमान्य व्यक्तियों को पेंसिल्वेनिया एवेन्यू पर स्थित ब्लेयर हाउस में ठहराया जाता है. यहां ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से लेकर जापान के सम्राट आकाहितो भी ठहर चुके हैं.
ब्लेयर हाउस व्हाइट हाउस के ठीक सामने स्थित यह केवल एक इमारत नहीं, बल्कि चार ऐतिहासिक टाउनहाउस का एक समूह है. इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 70,000 वर्ग फीट है, जो व्हाइट हाउस (55,000 वर्ग फीट) से भी बड़ा है.
ब्लेयर हाउस का निर्माण साल 1824 में अमेरिकी सेना के 8वें सर्जन जर्नल डॉ. जोसेफ लोवेल ने एक प्राइवेट होम के तौर पर बनवाया था. 1836 में इसे फ्रांसिस प्रेस्टन ब्लेयर ने खरीदा और उनके नाम पर इसका नाम "ब्लेयर हाउस" पड़ा.
1942 में इसे अमेरिकी सरकार ने खरीद लिया और इसे आधिकारिक गेस्ट हाउस के रूप में तब्दील कर दिया गया. साल 2001 में 9/11 हमले के बाद, कई महत्वपूर्ण बैठकें यहां आयोजित की गईं.
चार मंजिला ब्लेयर हाउस में 119 कमरे हैं, 14 गेस्ट हाउस हैं जिनमें कई तरह की सुविधा मौजूद है. इसके अलावा ब्लेयर हाउस में 35 बाथरूम, किचन, लॉन्ड्री, एक्सरसाइज के लिए एक कमरा और एक हेयर सैलॉन भी है.
ब्लेयर हाउस के अंदर की लगी पेंटिंग्स, झूमर और साज-सज्जा के सामान इसी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. इसकी देखरेख का पूरा खर्च सरकार उठाती है, यहां स्पेशल शेफ रखे जाते हैं.
व्हाइट हाउस की तरह ब्लेयर हाउस में भी सुरक्षा और सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम होते हैं. इस ब्लेयर की एक खास बात यह भी है कि जब किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री यहां ठहरते हैं तो उनके देश का झंड़ा फहराया जाता है.