02 April 2025
बिहार बोर्ड 10वीं क्लास का रिजल्ट जारी हो चुका है. इस साल मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में तीन छात्र-छात्राओं ने 489 नंबर लाकर पहला स्थान प्राप्त किया है और तीन छात्रों ने 488 नंबर लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है.
बिहार बोर्ड 10वीं क्लास में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले सचिन कुमार राम के संघर्ष और सफलता की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
गरीबी, आर्थिक तंगी और कष्टों में के बावजूद सचिन ने हिम्मत नहीं हारी और बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में 500 में से 488 (97.60%) नंबर पूरे राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त कर परिवार का मान बढ़ाया है.
मां बीड़ी बनाने का काम करती है और पिता रांची के एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम करते हैं. सचिन 8वीं और 10वीं क्लास के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाकर खुद की पढ़ाई का खर्च निकाले हैं.
वह सुबह 4 बजे उठकर ट्यूशन पढ़ाने निकाल जाते हैं और 7 बजे स्कूल जाते हैं. स्कूल से आने के बाद भी वह चार घंटा ट्यूशन पढ़ाते हैं. इससे वह महीने पांच से छह हजार रुपये कमा लेते हैं.
अपनी सफलता के बाद 10वीं के छात्र सचिन कुमार राम ने कहा, 'मुझे इसी कष्ट से मोटिवेशन मिला और मैट्रिक परीक्षा में टॉप कर पूरे बिहार में दूसरा स्थान हासिल किया.'
जमुई जिले के चकाई प्रखंड क्षेत्र के सिमरिया गांव स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के छात्र सचिन कुमारो को 25 मार्च को टॉपर्स वेरिफिकेशन के लिए पटना बुलाया गया था.
सचिन ने बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा में हिंदी में 99, अंग्रेजी में 96, गणित में 100, विज्ञान में 98 और सामाजिक विज्ञान में 95 नंबर हासिल किए हैं.
सचिन ने बिहार तक को दिए इंटरव्यू में बताया कि वह अपनी पढ़ाई का खर्च 8वीं और 10वीं क्लास के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाकर निकालते हैं क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.
सचिन भविष्य में डॉक्टर बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'IAS-IPS बनने में बहुत समय लग जाएगा और मैं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी जल्दी नहीं सुधार पाऊंगा, इसलिए डॉक्टर बनना चाहता हूं.'
All Photo Credit: Bihar Tak