28 Feb 2025
सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित कराने पर विचार चल रहा है. सीबीएसई ने टू टाइम्स बोर्ड एग्जाम की ड्राफ्ट स्कीम 2026 जारी कर दी है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा जारी ड्राफ्ट में 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च और मई में कराने का प्रस्ताव रखा है.
साथ ही यह भी कहा गया है कि छात्रों के लिए दो बार बोर्ड परीक्षा में बैठना अनिवार्य नहीं होगा. छात्रों को दोनों या किसी एक परीक्षा में उपस्थित होने का ऑप्शन चुनने का मौका मिलेगा.
इस प्रस्ताव पर कई शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिन्होंने साल में दो बार 10वीं बोर्ड परीक्षा के फायदों के साथ नुकसान भी बताए हैं.
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इस नए सिस्टम को शामिल किया जाता है तो दो बैक-टू-बैक एग्जाम होंगे. इससे टीचर्स पर दबाव बढ़ेगा.
कई शिक्षकों और अभिभावकों को लगता है कि कुछ महीनों के भीतर दो परीक्षाओं से बैलेंस बिगड़ सकता है. टीचर्स को जिन छुट्टियों की जरूरत होती है वो नहीं मिल पाएंगी.
टीचिंग कम्युनिटी पर दबाव बहुत अधिक होगा. सामाजिक और अभिभावकों का दबाव शिक्षकों पर भी होगा, साथ ही सिलेबस का तनाव और परीक्षाओं के बदलते पैटर्न के कारण भी शिक्षकों की छुट्टियां कम हो जाएंगी.
पहली बोर्ड परीक्षा के बाद भी स्कूलों, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के लिए कोई राहत नहीं होगी. उन्हें तुरंत दूसरी परीक्षा के लिए काम करना शुरू करना होगा जो मई में होनी है तो तनाव भी होगा.