भारत के साथ-साथ रूस ने भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए लूना-25 मिशन लॉन्च किया था.
हालांकि, लैंडिंग से पहले लूना-25 के साथ एक हादसा हो गया. वह चांद की सतह से टकराकर क्रैश हो गया था.
इस बारे में खुद 20 अगस्त 2023 को रूसी स्पेस एजेंसी ने जानकारी दी थी कि उसका मून मिशन चांद की सतह पर क्रैश कर गया है.
हम यहां आपको बताएंगे कि भारत के चंद्रयान-3 और रूस के लुना-25 में कितना क्या बुनियादी अंतर हैं.
चंद्रयान-3 3800 किग्रा का काफी भारी भरकम है. इसकी लागत क़रीब 615 करोड़ रुपये है.
चंद्रयान के साथ 1 प्रपल्शन मॉड्यूल, 1 रोवर, 1 लैंडर है.
इसका लैंडिग स्थल कोऑर्डिनेट 69.37 s, 32.35e है.
इस मिशन का उद्देश्य सतह पर मौजूद रासायनों को समझना, सतह के अंदर की गतिविधियों का वैज्ञानिक परीक्षण करना. इसके अलावा पानी की खोज करना है.
लूना 25 यान का वजन 1,752 किलोग्राम था.
हालांकि, ज्यादा ईंधन दक्षता के चलते लूना छोटा रूट तय कर सका. इसके साथ ही वह बेहद जल्द चांद की कक्षा में पहुंच गया था.
ये मिशन मिट्टी और पत्थरों का अध्यन करने, धूल की कणों की स्टडी करने, चंद्रमा के धुव्रीय सतह पर पाए जाने वाले पदार्थों का विश्लेषण करने के लिए लॉन्च किया गया था.
लुना-25 में 1 लैंडर था. साथ ही लैंडिंग स्थल कोऑर्डिनेट 69.545 S, 43.544 E पर लैंड करने वाला था.