₹15000 लेकर निकले थे चिक शैम्पू के मालिक, ऐसे बने करोड़पति
By Aajtak.Education
02 March 2023
चिक शैम्पू की कहानी को आज दुनिया भर के मैनेजमेंट स्कूलों में एक लोकप्रिय केस स्टडी कहा जाता है.
पाउच के रूप में लॉन्च होने वाला भारत का पहला शैम्पू पुडुचेरी में सी.के. रंगनाथन द्वारा सोचा गया था.
सी.के. रंगनाथन चिन्नी कृष्णन नाम के एक किसान और छोटे पैमाने के फार्मास्युटिकल पैकेजिंग उद्यमी के बेटों में से एक हैं.
सी.के. रंगनाथन चिक शैम्पू बनाने वाली वाली कंपनी केवनिकेयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं और करोड़ों की संपत्ति के मालिक भी हैं.
उनकी कंपनी शैम्पू के अलावा, डेयरी, बेवरेज और सलून के बिजनेस में भी काम कर रही है.
शैम्पू का बिजनेस उनका एक फैमिली बिजनेस है. लेकिन पिता के निधन के बाद उनके भाई और उनके बीच अनबन हो गई थी जिस वजह से उन्हें बाहर निकलना पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह घर से केवल 15,000 रुपये लेकर निकले थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि हैं, 'यह एक कमरे का एक छोटा सा घर था जिसका किराया सिर्फ 250 रुपये महीना था. मैंने एक केरोसिन स्टोव खरीदा और एक साइकिल भी ली.'
कुछ समय बाद उन्होंने चिक ब्रैंड के नाम से शैम्पू बनाना शुरू किया जिसका एक छोटा सा 7ml का शैशे सिर्फ 75 पैसे में मिला करता था.
उनके चिक शैम्पू का नाम धीरे-धीरे पूरे देश में होने लगा. दक्षिण भारत में बनने वाला शैम्पू पूरे भारत में धड़ल्ले से बिकने लगा था.
आज उनकी कंपनी में 4,000 से भी ज्यादा लोग काम करते है और उनकी कंपनी का टर्नओवर 1500 करोड़ जा पहुंचा है.