चिल्लई कलां एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ 'बड़ी सर्दी' है. यह हर साल 21 दिसंबर से 29 जनवरी तक कश्मीर में सबसे कठोर सर्दियों वाले दिन होते हैं.
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ये 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधि है. इस दौरान शीत लहर चलती है और तापमान इतने नीचे चला जाता है कि डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं. हर तरह बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है.
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इस समय कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे चला जाता है. इस दौर में बर्फ से ढके पहाड़, मैदान और सफेद दिखने वाले चिनार के पेड़ पूरे इलाके को एक नई भव्यता से भर देते हैं.
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'चिल्लई-कलां' की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा. इसके बाद 20 दिन की लंबी चिल्लाई खुर्द (छोटी सर्दी) होती है जो 30 जनवरी से 18 फरवरी (Chillai Baccha) तक होती है.
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इसके बाद 10 दिनों तक चलने वाली चिल्लई बच्चा (बेबी कोल्ड) अवधि जो 19 फरवरी से 28 फरवरी तक होती है.
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