मोसाद को टक्कर देते हैं चीनी जासूस, भारत में ऐसे रह रही थी एक एजेंट

26 Sep 2024

लेबनान में हुए पेजर अटैक के बाद दुनियाभर की खुफिया एजेंसियों की बात की जा रही है. 

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सबसे ज्यादा बात मोसाद की हो रही है, लेकिन माना जाता है कि चीन की खुफिया एजेंसी भी काफी खतरनाक है. 

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चीन की तीन खुफिया एजेंसी हैं, जिसमें एक पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA), एक मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) और एक मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक सिक्योरिटी (MPS) है.

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इसमें PLA वैसे तो आर्मी है, लेकिन ये जासूसी भी करवाती है. इसके अलावा रॉ की तरह MSS है और MPS इसका फोकस चीन के अंदर ही रहता है. 

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जासूसी की वजह ये भी है कि उन्हें ये भी पता करना होता है कि कहीं कोई सत्ता परिवर्तन का प्लान तो नहीं कर रहा. क्योंकि वहां सत्ता एक पार्टी में केंद्रित है. 

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एमएसएस के पास किसी भी विदेशी या घरेलू व्यक्ति या संस्थानों पर निगरानी और जांच करने की व्यापक शक्तियां हैं.

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साथ ही यहां की खुफिया एजेंसियों के पास कई तरह के आदेश देने की शक्तियां और 15 दिनों तक प्रशासनिक हिरासत में ले सकती हैं. 

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साथ ही ये काफी सीक्रेट रुप से रहती है और इससे जुड़ी कम ही जानकारी सामने आती हैं. भारत में भी पिछले कुछ सालों में दिल्ली के मजनूं के टीला से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो चीनी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे.