वैलेंटाइंस वीक में आने वाले चॉकलेट डे पर इसके दीवानों के लिए हम कुछ रोचक तथ्य लेकर आए हैं.
बहुत से लोग चॉकलेट की क्रेविंग होने पर व्हाइट चॉकलेट खाते हैं, लेकिन आपको बता दें, व्हाइट चॉकलेट दरअसल चॉकलेट होती ही नहीं हैं.
व्हाइट चॉकलेट दूध, चीनी, वनीला और कोको बटर के मिक्सर से बनती है. इसलिए इसे चॉकलेट नहीं कहा जाता.
असली चॉकलेट वही होती है जिसमें कोको बीन्स का इस्तेमाल किया जाता है. व्हाइट चॉकलेट में इसका इस्तेमाल नहीं होता.
पेड़ से मिलती है चॉकलेट: चॉकलेट कोको के पेड़ों के फलों से बनाई जाती है. ये पेड़ मुख्य रूप से मध्य और दक्षिण अमेरिका में मिलते हैं.
एज्टेक्स सभ्यता में कोको बीन्स का इस्तेमाल करेंसी की तरह किया गया. उन्होंने लड़ाई में जीतने वाले सैनिकों को कोको बीन्स इनाम के रूप में दिए.
उस वक्त आप 100 कोको बीन्स के बदले एक टर्की (अमेरिका में पाया जाने वाला परिंदा) ले सकते थे.
सेहतमंद होती है डॉर्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट खाने से हमारे शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं. डार्क चॉकलेट में मौजूद मैगनेशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है.
कभी दवाई के रूप में इस्तेमाल हुई चॉकलेट: इनका इस्तेमाल पेट दर्द जैसी समस्याओं के लिए दवाई के रूप में किया जाता था. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें.