Byline: aajtak.in
फाइटर जेट्स और मिलिट्री क्राफ्ट्स में अक्सर आपने देखा होगा कि आपात स्थिति के लिए पैराशूट्स दिए होते हैं.
ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि कमर्शियल प्लेन में यात्रियों की सुरक्षा के लिए पैराशूट्स क्यों नहीं दिए होते?
दरअसल, कमर्शियल प्लेन में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही पैराशूट्स नहीं होते हैं.
पैराशूट्स को इस्तेमाल करने के लिए किसी को भी ट्रेनिंग की जरूरत होती है. बिना ट्रेनिंग के पैराशूट का इस्तेमाल आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
यात्री विमान 35 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ते हैं और उनकी गति बहुत ज्यादा होती है. ऐसे में प्लेन से कूदना खतरनाक हो सकता है.
कमर्शियल प्लेन में विमान से कूदने के लिए कोई रैंप नहीं होता है. अगर आप कमर्शियल प्लेन से कूदेंगे भी तो मुमकिन है कि आप प्लेन के पंख या टेल से टकरा जाए.
पैराशूट्स बहुत महंगे आते हैं. ऐसे में कमर्शियल प्लेन में हर यात्री को पैराशूट देना एयरलाइंस वालों को महंगा पड़ेगा.
इसी के साथ, पैराशूट्स बहुत भारी होते हैं. अगर प्लेन में हर यात्री के लिए पैराशूट्स रखे जाने लगें तो प्लेन का भार बढ़ेगा.