12 Sept 2024
Credit: Meta AI
Toll Tax एक ऐसा शुल्क है जो किसी विशेष सड़क, पुल या टनल का इस्तेमाल करने के लिए वाहन चालकों से लिया जाता है.
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इसे सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए धन जुटाने में बहुत महत्वपूर्ण और मदद माना जाता है.
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यह शुल्क आमतौर पर उस सड़क या संरचना के निर्माण और रखरखाव में इस्तेमाल किया जाता है.
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भारत में, टोल टैक्स मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों और कुछ राज्य राजमार्गों पर लगाया जाता है. यह आम तौर पर टोल प्लाजा पर वसूला जाता है.
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जब कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, तो वाहन चालक को टोल टैक्स का भुगतान करना होता है.
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टोल टैक्स से प्राप्त धन का इस्तेमाल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है.
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टोल टैक्स का भुगतान नकद राशि या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फास्टैग के जरिये भी वसूला जाता है.
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गाड़ी पर लगे फास्टैग से ऑनलाइन भुगतान हो जाता है और ड्राइवर को ज्यादा समय तक लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ता. अब भारत सरकार इसमें बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है.
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सरकार जल्द ही टोल टैक्स की वसूली के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लागू करने की तैयारी कर रही है.
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ये नया सिस्टम GPS पर आधारित होगा. GPS के सहारे सैटेलाइट से टोल टैक्स लिया जाएगा. जैसे ही 20KM की दूरी पूरी होगी, टोल ऑटोमैटिक कट जाएगा.
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नोटिफिकेशन के मुताबिक, GNSS ऑन-बोर्ड यूनिट वाली गाड़ियों पर पहले GPS इंस्टॉल होंगे और एक स्पेशल लेन तैयार की जाएगी.
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अगर अन्य वाहन इस लेन पर आते हैं तो उनसे दोगुना टोल वसूल किया जाएगा. टोल कटने के बार SMS के माध्यम से आपको जानकारी दे दी जाएगी.
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