चंद्रयान-3, 2, 1 के बारे में ये खास बातें जानते हैं आप?

By: Aajtak Education

14 जुलाई 2023

चंद्रयान-3, 14 जुलाई 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. 23-24 अगस्त के बीच किसी भी समय यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैंजिनस-यू (Manzinus-U) क्रेटर के पास उतरेगा. 

चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट 179 किलोमीटर ऊपर तक ले गया. उसके बाद उसने चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में धकेल दिया. आइए जानते हैं चंद्रयान 3, 2 और 1 के बारे में खास बातें-

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार 14 जुलाई 2023 को चंद्रमा पर भारत के तीसरा मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया गया. इसमें 615 करोड़ रुपये का खर्च आया है.

चंद्रयान-3

3,900 वजनी चंद्रयान-3 का मकसद भी दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचना है. ऐसा हुआ तो पानी-खनिज की मौजूदगी का पता चलेगा. 

चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान का वजन 3,877 किलो था, जिसे 22 जुलाई 2019 को GSLV एमके III-एम1 प्रक्षेपण रॉकेट से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. इसका मकसद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना था. 

चंद्रयान-2

इसके बाद 20 अगस्त, 2019 को चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुआ था. बताया जाता है कि सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से ये मिशन फेल हुआ था. 

थ्रस्ट पैदा होने और लैंडिंग साइट छोटी होने की वजह से भी सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हो गई थी. इस मिशन में 978 करोड़ रुपये का खर्च आया था.

चंद्रयान-1 अंतरिक्ष यान 22 अक्टूबर 2008 को PSLV-C 11 रॉकेट के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया. इसका वजन 1,380 किलो था.

चंद्रयान-1

इसे चंद्रमा की सतह पर जल और बर्फ की तलाश के साथ खनिज और रासायनिक तत्त्वों का पता लगाने के लिए 3-डी तस्वीर लेना था, जिसमें 386 करोड़ रुपये खर्च आया था.

चंद्रयान-1 ने 312 दिन तक चांद के चक्कर लगाए थे. पहला मिशन था जिसने चांद की सतह पर पानी के सबूत पाए थे.