28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण दिखने वाला है. ये एशिया समेत दुनिया के बाकी हिस्सों में दिखेगा. ग्रहण क्या होते हैं और सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में अंतर जानने से पहले कुछ सामान्य विज्ञान को समझने की जरूरत है.
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सूर्य अपनी जगह स्थिर है और पृथ्वी इसके चक्कर लगाती है. पृथ्वी के साथ ही चांद भी सूर्य का चक्कर लगाता है लेकिन चांद पृथ्वी का भी चक्कर लगाता है और इस दौरान वह धरती के नजदीक और दूर होता रहता है.
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जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है, चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं.
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जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं, जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं, पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है.
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जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है.
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चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है. एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी की उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है. सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है.
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