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देशभर में मॉनसून का इंतजार बढ़ता जा रहा है. आमतौर पर एक जून को केरल में मॉनसून की एंट्री हो जाती है. लेकिन इस बार मॉनसून के आने में देरी हो रही है.
वहीं, देश के कई इलाकों में अब भी बारिश हो रही है तो क्या ये मॉनसूनी बारिश है? आइये जानते हैं मॉनसून, प्री मॉनसून और पोस्ट मॉनसून की बारिश की पहचान.
भारत में जून से सितंबर तक मॉनसून का सीजन होता है. जबकि, मार्च से मई के बीच होने वाली बारिश को प्री-मॉनसून और अक्टूबर से दिसंबर में होने वाली बारिश को पोस्ट-मॉनसून माना जाता है.
लेकिन मॉनसून का ऐलान करने के लिए कुछ क्राइटेरिया होते हैं.
देश में मॉनसून आने की घोषणा तब की जाती है जब केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक में मॉनूसन की शुरुआत की घोषणा करने वाले 8 स्टेशनों में लगातार दो दिनों तक बारिश होती है.
इस बारिश की तादाद कम से कम 2.5 मिमी होनी चाहिए, तब आईएमडी मॉनसून का ऐलान करता है.