12वीं पास करने के बाद लाखों छात्र इंजीनियरिंग की फील्ड में करियर बनाने की तैयारी करते हैं. छात्रों का पहला प्रेफरेंस आईआईटी होता है लेकिन कई बार एनआईटी भी प्लेसमेंट के मामले आईआईटी पीछे छोड़ा देते हैं.
इंजीनियरिंग के लिए IIT (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) और NIT (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) दोनों ही उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान हैं, लेकिन आईआईटी अभी लिस्ट में कई मायनों में टॉप माने जाते हैं.
IIT में इन्फ्रास्ट्रक्चर, कोर्स और बाकी फैसिलिटीज अपग्रेडेड रहती हैं. आईआईटी में आधुनिक तौर तरीकों के आधार पर बदलाव होते रहते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि IITs के मुकाबले NIT का इंफ्रास्ट्रकचर और करिकुलम थोड़ा सा पीछे रहता है.
हालांकि पिछले कुछ समय में इस ट्रेंड में बदलाव दिखा है. NIT भी बदलते दौर के हिसाब से अपने करिकुलम में बदलाव कर रही हैं.
JEE Main परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद NITs में एडमिशन का रास्ता खुल जाता है. वहीं IITs में एडमिशन के लिए JEE मेन और एडवांस दोनों परीक्षा क्वालीफाई करनी होंगी.
JEE Main परीक्षा के बाद प्रत्येक NIT अपने कट-ऑफ जारी करते हैं. कट-ऑफ क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवार दाखिले के पात्र होते हैं.
देश में इस वक्त कुल 23 IIT हैं, अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए कुल 16 हजार 234 सीटें और इन्फ्रास्ट्रक्चर में टॉप IIT खड़गपुर है जो 2100 एकड़ में बना है.
वहीं देश में कुल 31 NIT हैं, अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए 23 हजार 997 सीटें हैं और टॉप NIT त्रिची कैंपस का नाम शुमार है.