24 Jan 2025
Credit: META
व्हाइट कॉलर जॉब का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक ऑफिस में बैठे व्यक्ति की छवि उभरती है, जो एक डेस्क पर काम करता है, ज्यादातर सूट-बूट में रहता है और कंप्यूटर के सामने बैठा होता है.
यह काम, सफ़ेद बटन-डाउन शर्ट से जुड़ा है जिसे नौकरीपेशा/व्यवसायी टाई के साथ पहनते हैं. ऐसे कपड़े पहनने वाले लोग ऑफिस/डेस्क पर बैठते हैं. इस तरह के दफ़्तरों में इधर-उधर घूमते हैं, जहां शर्ट गंदी करने की संभावना बहुत कम होती है.
लेकिन, आज के बदलते समय में कई और टर्म्स देखने को मिलती हैं, जैसे पिंक कॉलर, ग्रे कॉलर, और ब्लू कॉलर जॉब्स. आइए इन टर्म्स का मतलब जानते हैं.
व्हाइट कॉलर जॉब्स प्रोफेशनल, मैनेजेरियल और एडमिनिस्ट्रेटिव कामकाज से जुड़े होते हैं. इनमें अकाउंटेंट, मैनेजर, कन्सल्टेंट्स. व्हाइट कॉलर यह काम, सफ़ेद बटन-डाउन शर्ट से जुड़ा है जिसे नौकरीपेशा/व्यवसायी टाई के साथ पहनते हैं. .
पिंक कॉलर जॉब्स महिलाओं से जुड़े कामकाज का प्रतीक है, हालांकि अब पुरुष भी इन क्षेत्रों में सक्रिय हैं. पिंक कॉलर वर्कर वह कर्मचारी होता है जो पारंपरिक रूप से महिलाओं के काम माने जाने वाले कार्य करता है, जैसे कि शिक्षक, फूलवाला, बच्चों की देखभाल, सचिव, नर्स, घरेलू सहायक , आदि
ग्रे कॉलर जॉब्स एक ऐसा शब्द है, जो उन वर्कर्स को दर्शाता है जो व्हाइट और ब्लू कॉलर जॉब्स के बीच कहीं आते हैं. इसमें तकनीकी विशेषज्ञ, सुरक्षा गार्ड और हेल्थकेयर सेक्टर के लोग शामिल होते हैं.
ब्लू कॉलर जॉब्स में मैनुअल लेबर शामिल होता है, जैसे कि फैक्ट्री वर्कर, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और तकनीशियन.
ब्लू-कॉलर शब्द की उत्पत्ति मैनुअल वर्कर की पोशाक से हुई है. इसमें नीली जींस, चौग़ा या बॉयलरसूट शामिल है. गहरे रंग, जैसे नीला, गंदगी और अन्य सामग्रियों को छिपाने में मदद करते हैं जो शारीरिक काम के परिणामस्वरूप कपड़ों को गंदा कर सकते हैं.
गोल्ड कॉलर जॉब्स में ज्यादा कुशल लोग आते हैं. पायलट, वकील, डॉक्टर, वैज्ञानिक गोल्ड कॉलर जॉब्स में आते हैं. गोल्ड कॉलर जॉब्स को गोल्ड इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये उच्च मांग वाले क्षेत्रों में होने वाली बेहद कुशल पेशेवरों की नौकरियां होती हैं.
ग्रीन कॉलर जॉब्स में सोलर पैनल, ग्रीन पीस और दूसरे एनर्जी सोर्स के लिए काम करने वाले लोग आते हैं. "ग्रीन" नौकरियों में वे लोग शामिल हैं जिनका कार्य स्थिरता को बढ़ाना और अपशिष्ट, ऊर्जा उपयोग और प्रदूषण को कम करना है.
ओपन कॉलर जॉब में ऐसे वर्कर्स आते हैं जो घर से काम यानी Work from home करते हैं. ये लोग कभी ऑफिस नहीं जाते हैं. कोरोना के बाद से ऐसी जॉब की भरमार है.
ब्लैक कॉलर जॉब में ऐसे श्रमिक आते हैं जो आम तौर पर काम करते वक्त बहुत गंदे हो जाते हैं. जैसे- खनन या तेल-ड्रिलिंग. यह शब्द श्रमिक वर्ग के उस सदस्य को संदर्भित करता है, जो शारीरिक श्रम करता है और प्रति घंटा वेतन कमाता है.