संविधान के जनक डॉ. भीमराव आंबेडकर के ये विचार आज भी हैं प्रेरणादायक

By Aajtak Education

13 April 2023

आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्‍म 14 अप्रैल 1891 को मध्‍यप्रदेश में हुआ था.

उन्‍होंने समाज में व्‍याप्‍त छुआछूत, जातिवाद, दलितों-महिलाओं से भेदभाव जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की और इसकी लड़ाई को धार दी.

उनका मानना था कि अपनी सोच में सतत सुधार ही मानव विकास का असल लक्ष्‍य है. आइये जानते हैं उनके कुछ प्रेरणादायक विचार-

'किसी समाज की प्रगति मैं उस समाज में महिलाओं की प्रगति से आंकता हूं.'

'मुझे वह धर्म पसंद है जो स्‍वतंत्रता, समानता और बंधुत्‍व सिखाता है.'

'जब तक आप सामाजिक स्‍वतंत्रता प्राप्‍त नहीं कर लेते, तक तक कानून द्वारा प्रदत्‍त स्‍वतंत्रता के आपके लिए कोई मायने नहीं हैं.'

'एक महान व्‍यक्ति एक प्रतिष्ठित व्‍यक्ति से इस मायने में भिन्‍न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार होता है.'