भारत के दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा समेत नॉर्थ इंडिया के राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.
भूकंप अचानक ही आते हैं और संभलने का मौका नहीं देते. जबतक हम अपने बचाव के उपाय सोचते हैं, तब तक देर हो चुकी होती है.
ऐसे वक्त के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) की कुछ गाइडलाइंस भी हैं, जिसका पालन कर आप खुद को सुरक्षित कर सकते हैं.
भूकंप के दौरान अपनी हलचल एकदम कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित स्थान तक पहुंचें.
अगर घर या ऑफिस के अंदर है और भूकंप के तेज झटके महसूस हों तो जमीन पर लेट जाएं.
एक मजबूत टेबल या फर्नीचर के अन्य टुकड़े के नीचे बैठकर खुद को कवर कर लें.
यदि आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढक लें और किसी कोने में झुक जाएं.
कमरे के कोने में, टेबल के नीचे या बिस्तर के नीचे छिपकर अपने सिर और चेहरे को बचाएं.
कांच, खिड़कियां, दरवाजे, दीवारें और जो कुछ भी गिर सकता है (जैसे झूमर) से दूर रहें.
जब भूकंप आए तो बिस्तर पर ही रहें. अपने सिर को तकिये से सुरक्षित करें. अगर आप किसी गिरने वाली चीज के नीचे हैं तो वहां से हट जाएं.
दरवाजे से बाहर भागने का प्रयास तभी करें जब वह आपके पास हो और यदि आप जानते हैं कि दरवाजा मजबूत है.
जब तक कंपन बंद न हो जाए, तब तक अंदर ही रहें. रीसर्च से पता चला है कि ज्यादातर लोगों को चोटें तब लगती हैं जब वह इमारतों के अंदर से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं.