By: Aajtak Education
हायर स्टडीज के लिए भारतीय छात्र अब विदेशों का रुख करने लगे हैं, जिनकी तेजी से बढ़ी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2022 में 7.50 लाख छात्र विदेश गए थे जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 12 लाख तक पहुंच गई.
विदेश जाकर पढ़ाई करना सभी के लिए आसान नहीं होता, अभिभावकों को एडी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है. अगर आप अपने बच्चे को हायर स्टडीज के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो 'एजुकेशन लोन' अच्छा ऑप्शन हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें.
अगर आप या आपका बच्चा विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहता है तो जानिए वहां पढ़ाई करते हुए पैसे कैसे बचाए जा सकते हैं. जानें कुछ टिप्स-
लोन लेकर फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स भी कर सकते हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लोन लिया जा सकता है.
एजुकेशन लोन छात्र के नाम पर मिलता है. लेकिन आवेदक में माता-पिता या फिर अभिभावक का भी नाम होता है. आवेदन करने वाला भारतीय नागरिक होना जरूरी है. भारत में या विदेश में हायर स्टडीज के लिए छात्र लोन ले सकते हैं.
कोर्स के प्रकार, शिक्षण संस्थान और उधारकर्ता की एलिजिबिलिटी के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है. घरेलू कोर्स के लिए 50 लाख रुपये तक और विदेश में पढ़ाई के लिए एक करोड़ रुपये तक का लोन मिल सकता है.
आमतौर पर यह 7-12 फीसद के बीच होती है. पर्सनल लोन की तुलना में एजुकेशन लोन बेहद सस्ता होता है. हालांकि कोर्स और शिक्षा संस्थानों के आधार पर बैंक ब्याज दर निर्धारित करता है.
हायर स्टडीज के लिए भारत या विदेश में किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन तय हो चुका हो. आवेदक 12वीं पास हो. लोन एप्रूवल के दौरान बैंक आवेदक से संस्थान का एडमिशन लेटर, फीस स्ट्रक्चर, अभिभावक की सैलरी स्लिप और आयकर रिटर्न (आईटीआर) की कॉपी मांग सकता है.