29 March 2024
किसी व्यक्ति की भवानाएं या इमोशन ही उसके व्यवहार के लिए जिम्मेदार होती हैं.
जब व्यक्ति खुद को विपरीत स्थितियों में पाता है, तो वो कैसे रिएक्ट करेगा, ये इस चीज पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कितना इमोशनली स्ट्रांग है या कमजोर.
जो लोग इमोशनल रूप से मजबूत होते हैं वो अक्सर विपरीत स्थितियों में समझदारी से रिएक्ट करते हैं. वहीं, भावनात्मक रूप से कमजोर लोग अक्सर आपा खो देते हैं और कर बैठते हैं गलतियां.
आज हम आपको इमोशनली कमजोर लोगों की ऐसी ही पांच बड़ी गलतियां बता रहे हैं. चेक करिए कहीं आप भी तो नहीं करते हैं ये गलतियां.
जो लोग खुद इमोशनली कमजरो होते हैं, वो दूसरों की भावनाओं को समझने में भी असफल रहते हैं.
इसके चलते वो कभी भी एक अच्छा रिश्ता कायम नहीं कर पाते और अक्सर खुद को अकेला पाते हैं.
इमोशनल रूप से कमजोर लोग अपनी आलोचना नहीं सुन पाते हैं. उनकी भलाई के लिए की गई आलोचना भी उन्हें बुरी लगती है और वो अक्सर सामने वाले से बहस कर बैठते हैं.
वहीं, जो लोग इमोशनली मजबूत होते हैं वो अपनी आलोचना को सकारात्मकता के साथ सुनते हैं. ऐसा करना उन्हें एक बेहतर व्यक्ति बनने में मदद करता है.
भावनात्मक रूप से कमजोर लोग अक्सर दूसरों की बात ध्यान से नहीं सुनते और बात-बात पर या तो हावी होने का प्रयास करते हैं या क्रोधित हो जाते हैं.
उनकी ऐसी गलती से सामने वाला न केवल आहत होता है बल्कि उसे लगता है कि यहां केवल एक तरफा बातचीत हो रही है.
भावनात्मक रूप से कमजोर व्यक्ति खुद को बेहतर तरीके से एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं. वो खुद की भावनाओं को एक्सप्रेस करते वक्त अक्सर कंफ्यूज रहते हैं और कुछ का कुछ बताते हैं.
भावनात्मक रूप से कमजोर लोग अकसर जजमेंटल होते हैं. वो न तो खुद की भावनाओं का ठीक से आंकलन कर पाते हैं और न ही सामने वाले की भावनाओं का.