18 Jan 2025
Credit: META
परीक्षा से पहले बच्चों को स्ट्रेस होना आम बात है, कई बार इसका असर उनके रिजल्ट पर भी नजर आता है.
परीक्षा की वजह से कई बच्चों का मेंटल स्ट्रेस काफी ज्यादा प्रभावित होता है.
कई पेरेंट्स बच्चों पर इतना ज्यादा दबाव डालते हैं कि बच्चे परेशान हो जाते हैं और परीक्षा के वक्त उनका स्ट्रेस लेवल बढ़ता जाता है और कई बच्चे सुसाइड तक कर लेते हैं.
वहीं, जो बच्चे अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करते हैं, पेरेंट्स को उन बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए, तो चलिए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट.
मनोचिकित्सक विंदा सिंह के अनुसार, जो बच्चे कोटा जाते हैं उनकी एक्टिविटी देखकर शुरुआत से ही ध्यान रखा जा सकता है. जैसे वे हॉस्टल में रहते क्लास बंक करने लगते हैं, खाना खाने नहीं जाते.
मनोचिकित्सक विंदा सिंह के अनुसार, जो बच्चे बाहर पढ़ने जाते हैं, वे हर रोज घरवालों से बात नहीं करते और छोटी-छोटी बातों पर परेशान होने लगते हैं. ऐसे में फ्रस्टेशन बढ़ना आम बात है.
बच्चे जब पहली बार अपने घर वालों से दूर जाते हैं तो उनके आसपास कोई उनका अपना नहीं है, ऐसे में पढ़ाई के प्रेशर की वजह से बच्चे डिप्रेशन में जाने लगते हैं.
घर से बाहर पढ़ रहे बच्चों की नियमित काउंसलिंग करनी चाहिए.
हर 1-2 महीने पर पेरेंट्स को बच्चों से मिलने जाना चाहिए और उनके दोस्तों के नंबर भी जरूर रखने चाहिए, हो सके तो हर दिन बच्चों से वीडियो कॉल पर बात भी करें.