By: Aajtak Education
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बोरीगरका गांव की रहने वाली 19 साल की हिशा बघेल पूरे जिले में अकेली अग्निवीर चुनी गई है. वह भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए 16 सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद घर लौटी. हिशा का स्वागत करने पूरा गांव उमड़ पड़ा.
पिछले महीने 05 मार्च 2023 को हिशा के पिता का कैंसर के चलते निधन हो गया था. इसलिए यह पल सभी को भावुक कर देने वाला था.
हिशा के पिता संतोष बघेल का सपना रहा था कि बेटी हिशा पढ़-लिखकर कामयाब हो जाए, सरकारी नौकरी पाए. वहीं हिशा की इच्छा सेना में जाकर देश की सेवा करने की रही और दोनों का यह सपना पूरा हुआ.
हिशा का चयन इंडियन नेवी में हुआ और उसके बाद उनकी ट्रेनिंग उड़ीसा के चिल्का में 16 सप्ताह तक हुई.
हिशा जब घर पहुंची तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा उसने जैसे ही अपने माता को देखा तो सैल्यूट मारकर उनके गले लगा लिया.
बेटी और मां के इस भावपूर्ण मिलन को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई. स्वर्गीय पिता के फोटो में नमन कर उन्हें याद किया.
हिशा ने अग्निवीर बनने के लिए बहुत मेहनत की. लंबी दौड़ और योगा उसका डेली रूटीन में था. वह दुर्ग जिले की पहली अकेली अग्निवीर है.