20 Sep 2024
तिरुपति बालाजी मंदिर इन दिनों प्रसाद में जानवर की चर्बी मिले होने की रिपोर्ट के कारण चर्चा में बना हुआ है.
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इस प्राचीन और आध्यात्मिक मंदिर को लेकर रहस्य हैं. मंदिर से जुड़ा एक रहस्य एक गांव को लेकर भी है.
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माना जाता है कि मंदिर में चढ़ने वाले फूल, दूध और मक्खन एक खास गांव से आते हैं.
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इस गांव में सिर्फ स्थानीय लोग ही जाते हैं, बाहरी व्यक्ति को इस गांव में जाने की इजाजत नहीं है.
यह गांव कौन-सा है यह भी सिर्फ स्थानीय लोगों को पता होता है. कहा जाता है कि यह मंदिर से 20 किलोमीटर दूर है.
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भगवान और अन्य देवताओं की सेवा के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी फूल पुष्प 'सम्पंगी प्रदक्षिणम' नामक कक्ष में रखे जाते हैं, जिसे 'यमुनोत्तराय' कहा जाता है.
यह 'पुष्प कक्ष' अब 'विमान प्रदक्षिणम' में स्थानांतरित हो गया है. हर सुबह और शाम जीयंगर पुष्प कक्ष में तैयार किए गए फूलों की मालाएं एकत्र करते हैं और उन्हें अपने सिर के ऊपर से भगवान के पास ले जाते हैं.
ये पुष्प मालाएं भगवान की विभिन्न रस्मों और पूजाओं को करने के लिए गर्भगृह में प्रस्तुत की जाती हैं. फूल कक्ष के ठीक सामने और उत्तर में 'पुला बावी-फूल कुआं है.
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भगवान की पूजा के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी फूल इसी कुएं में जमा किए जाते हैं.