By: Aajtak.in
सोना कीमती और महंगी चीजों में से एक है. बाजार में सोना खरीदने के लिए भारी रकम चुकानी पड़ती है.
लेकिन क्या आप जानते हैं सोना इतना महंगा क्यों होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण-
सोना महंगा होने का सबसे पहला कारण तो यही है कि यह पूरी दुनिया में कुछ ही जगहों पर और कम पात्रा में पाया जाता है.
दूसरा कारण यह है कि सोने को रिफाइन करने का प्रोसेस काफी लंबा और महंगा होता है. आइए जानते हैं खरा सोना कैसै निकलता है-
दुनिया के कई देशों में सोने की खदाने हैं. इन खदानों में सोना चांदी, लोहा, तांबा और जिंक के साथ मिला हुआ पत्थर के रूप में होता है.
खदानों से ऐसे पत्थर निकालने के बाद इन्हें प्योरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है. पत्थर से खरा सोना निकालने के दो तरीके होते हैं. एक मिलर प्रोसेस (Miller Process) और दूसरा वोलविल प्रोसेस (Wohlwill Process).
मिलर प्रोसेसः सोने को गर्म किया जाता है. उसमें मिली हुई धातुओं का अलग-अलग ब्वाइलिंग प्वाइंट होता है, जैसे ही गर्म होता सोना उस तापमान पर पहुंचता है. धातु अलग होती चली जाती हैं.
इस काम में क्लोरीन गैस का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे जिंक क्लोराइड, सिल्वर क्लोराइड अलग हो जाता है, फिर बचता है सोना और लोहा. सोना अपने तापमान पर अलग होता है. यहां बचता है सिर्फ 99.5 फीसदी खरा सोना.
वोलविल प्रोसेसः इसमें कच्चे सोने को हाइड्रोक्लोरिक एसिड और क्लोराइड के तरल पदार्थ में डालते हैं.
इसके बाद इसमें करंट दौड़ाया जाता है. क्योंकि हर धातु का अपना एक इलेक्ट्रिकल चार्ज होता है.
उस स्तर का करंट मिलने पर वह सोने से अलग हो जाता है. अंत में बचता है सिर्फ खालिस सोना. यानी 99.99 फीसदी खरा सोना.
दोनों ही पद्धत्तियों में काफी समय, तकनीक और मेहनत लगती है. इसलिए सोने की कीमत ज्यादा होती है.
कई बार 10 किलोग्राम के पत्थर से सिर्फ 10 ग्राम सोना निकल पाता है. ऐसे में इसकी कीमत घटती बढ़ती रहती है. ये सप्लाई और डिमांड के ऊपर निर्भर करता है.