लद्दाख के सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के पहले शहीद 'अग्निवार' गावते लक्षय लक्ष्मण की शहादत के बाद 'अग्निवीरों' के मुआवजों को लेकर सवाल उठ रहे थे. इस पर आर्मी ने मुआवजे की जानकारी दी है.
गावते अक्षय लक्ष्मण काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे. वे ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं. उन्हें सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी गई.
भारतीय सेना ने शहीद के निधन पर शोक व्यक्त किया है और बताया कि कैसे उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिलेगी.
अगर कोई अग्निवीर ड्यूटी के दौरान शहीद हो जाता है तो उसके परिवार को अंशदायी बीमा के 48 लाख रुपये, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलती है.
चार साल के बचे हुए कार्यकाल का वेतन यानी 13 लाख रुपये से ज्यादा और आर्म्ड फोर्सेज कैजुअल्टी फंड से 8 लाख रुपये का योगदान मिलेगा.
सेवा निधि में अग्निवीरा या योगदान (30%) भी परिवार को मिलेगा. इसमें सरकार का योगदान और ब्याज भी शामिल होगा.
आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की ओर से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है.
यानि कुल मिलाकर मुआवजे की धनराशि 1 करोड़, 13 लाख से कहीं अधिक होगी.
अगर अग्निवीर की मौत ड्यूटी पर नहीं होती तो भी उनके परिवार को 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर और मृत्यु की तारीख तक जोड़ी हुई सेवा निधि और कॉर्पस फंड भी दिया जाता है.
बता दें कि केंद्र की एनडीए सरकार ने पिछले साल तीनों सेनाओं में चार साल के लिए अग्निवीर जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की थी.
चार साल पूरे होने के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को भारतीय सुरक्षा बल में शामिल किया जाता है.