08 08 2024
जब भारत में हॉकी की बात आती है तो भारतीय हॉकी प्लेयर ध्यानचंद का नाम जरूर याद किया जाता है.
ध्यानचंद ने 1928 में एम्सटर्डम, 1932 में लॉस एंजेलिस और 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया था.
लेकिन ध्यानचंद को सिर्फ बेहतरीन हॉकी ही नहीं, बल्कि हटिलर के ऑफर को ठुकराने के लिए भी याद किया जाता है. आइए इस दिलचस्प किस्से के बारे में जानते हैं.
दरअसल, ध्यानचंद ने 1936 में बर्लिन ओलंपिक खेला था. इस दौरान उनके खेल से प्रभावित होकर हिटलर ने उन्हें सेना में सबसे ऊंचे पद का प्रस्ताव दिया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने विनम्रता के साथ यह कहकर इसे ठुकरा दिया, ''मैंने भारत का नमक खाया है, मैं भारत के लिए ही खेलूंगा.'' तब ध्यानचंद लांस नायक थे.
हॉकी के इस महान खिलाड़ी का निधन तीन दिसम्बर 1979 को दिल्ली में हुआ. उन्हें खेल जगत में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 1956 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया.