भारत को परमाणु महाशक्ति बनाने वाले होमी जे. भाभा से जुड़ी 10 बातें

30 May 2024

Credit: India Today

भारत को परमाणु महाशक्ति बनाने वाले डॉ. होमी जहांगीर भाभा (Homi J. Bhabha) की आज, 115वीं जयंती है. उनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई के पारसी परिवार में हुआ था.

Credit: India Today

सबसे पहले होमी जे. भाभा ने परमाणु विज्ञान (Nuclear Science) के क्षेत्र में एक शक्तिशाली भारत की कल्पना की थी.

Credit:Pixabay

उनके प्रयोगों और अथक प्रयासों की बदौलत भारत आज दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण परमाणु शक्तियों में से एक के रूप में उभरा है. आइये जानते हैं उनसे जुड़ी बातें.

Credit: India Today

1. साल 1930 में होमी भाभा ने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री और 1934 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी.

Credit: India Today

2. साल 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान होमी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज, (IISc) बैंग्लोर में बतौर रीडर जॉइन किया था, उस समय नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी. रमन हेड थे.

Credit: IISc

3. साल 1944 में होमी भाभा के प्रस्ताव के बाद भारतीय परमाणु अनुसंधान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) की स्थापना की गई थी.

Credit: TIFRy

4. भाभा ने ही पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को देश में महत्वाकांक्षी परमाणु कार्यक्रम शुरू करने के लिए राजी किया था.

Credit: TIFR

5. 1948 में नेहरू ने भाभा को परमाणु कार्यक्रम का निदेशक नियुक्त किया और उन्हें परमाणु हथियार विकसित करने का काम सौंपा था.

Credit: Pixabay

6. भारत-चीन युद्ध के कारण होमी भाभा ने आक्रामक और सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों की मांग के लिए प्रेरित किया था.

Credit: India Today

7. तीन चरण के परमाणु कार्यक्रम के लिए उन्होंने दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले यूरेनियम और थोरियम के भंडार का इस्तेमाल किया था.

Credit: India Today

8. होमी भाभा ने इलेक्ट्रॉनिक्स, स्पेस साइंस, रेडियो खगोल विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान में अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया था. साल 1954 में होमी भाभा को पद्म विभूषण से नवाजा गया था.

Credit: TIFR

9. 24 जनवरी 1966 को एक हवाई जहाज दुर्घटना में मशहूर परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का निधन हुआ था.

Credit: India Today

10. उनकी मृत्यु के बाद, उनके सम्मान में मुंबई में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान का नाम बदलकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया.

Credit: India Today