1 November 2024
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गाय और भैंस के दूध को लेकर भी काफी बहस होती रहती है. आखिर, बॉडी के अंदर यह कैसे बनता है? हर दिन कैसे इसका उत्पादन हो पाता है? आज जानते हैं इससे जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स.
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गाय या भैंस के अंदर एक जटिल प्रक्रिया के माध्यम से दूध बनता है. ये जो चारा खाते हैं, उनके पचने के साथ ही दूध निर्माण का काम भी शुरू हो जाता है.
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गाय जो चारा खाती है, जिसमें कई पोषक तत्व होते हैं. इसमें पानी, विटामिन , खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा होती है.
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पेट के अंदर जाकर चारा टूट जाता है. ऐसे समझें कि पेट में चार डिब्बों से होकर ये चारा गुजरता है- रूमेन, रेटिकुलम, ओमासम और एबोमासम जाकर ये पूरी तर से विघटित होकर पच जाते हैं.
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इसके बाद पचा हुआ चारा छोटी आंत में चला जाता है. वहां इनसे निकले पोषक तत्व रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाते हैं और थन तक पहुंच जाते हैं.
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थन में एल्वियोलर एपिथीलियल कोशिकाएं कहलाने वाली विशेष कोशिकाएं गाय के यकृत से प्राप्त शर्करा के साथ पोषक तत्वों को मिलाकर दूध का उत्पादन करती हैं.
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इसके बाद ऑक्सीटोसिन हार्मोन मायोएपिथेलियल कोशिकाओं को सिकोड़ती हैं. इससे दूध एल्वियोली के लुमेन में चला जाता है. जब गाय का दूध निकाला जाता है तो दूध थन के माध्यम से बाहर निकलता है.
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इस तरह देखें तो दूध निर्माण से लेकर उसे गाय की बॉडी से बाहर निकालने तक में इनके पाचन तंत्र, स्तन ग्रंथियां और न्यूरोहाइपोफिसियल हार्मोन और ऑक्सीटोसिन की अहम भूमिका होती है.
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