एक आकलन के मुताबिक, दुनियाभर में परमाणु हथियारों की कुल संख्या लगभग पौने 4 हजार है. इनमें से सबसे ज्यादा हथियार रूस के पास हैं.
उसके बाद परमाणु बम संपन्न देशों में अमेरिका का नंबर आता है, और फिर भारत, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया आते हैं.
अगर इनमें से एक भी आक्रामक होकर इस ताकत का इस्तेमाल करने पर आ गया तो बाकी देश भी शामिल हो जाएंगे और फिर जो होगा, उसे जानने के लिए कोई नहीं बचेगा.
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के दो शहरों, हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए. इमारतें, इंसान, पशु और पेड़-पौधे, सब खाक हो गए.
ब्लास्ट के 10वें सेकंड से भी कम समय में, जिस इलाके पर ये गिरेगा, वहां की जमीन धधकने लगती है. इसमें इतनी गर्मी होती है, जिसकी तुलना किसी भी चीज से नहीं की जा सकती.
चारों ओर सफेद तेज चमक पैदा हो सकती है. विस्फोट के तीन बड़े असर होते हैं. पहला ज्वालामुखी की आग से भी ज्यादा तेज गर्मी में झुलसकर मौतें.
दूसरा और बेहद खतरनाक असर होता है रेडिएशन का. इसमें गामा किरणें निकलती हैं जो एक्सरे से कई गुना खतरनाक होती हैं. ये जिस भी हिस्से पर पड़ें, शरीर का वो हिस्सा बदल जाता है.
एक स्टडी के मुताबिक, लगभग 100 परमाणु विस्फोट ही दुनिया को खत्म करने के लिए काफी हैं. इसमें बहुत से लोग तो भाप बनकर खत्म हो जाएंगे. बाकी लोग परमाणु रेडिएशन से दम तोड़ेंगे.
अगर दुनिया के सारे न्यूक्लियर बम एक साथ फट जाएं तो क्या होगा? न्यूक्लियर विंटर क्या होता है, जिससे डरती है दुनिया? डिटेल में जानने के लिए नीचे क्लिक करें.