पेड़-पौधों में जान होती है, ये तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि वे बातें भी कर सकते हैं. मशरूम आपस में इंसानों की तरह ही बातचीत करते हैं.
ये काम वे अपनी जड़ों की मदद से करते हैं, जिसे माईसेलियम कहा जाता है. शोध में पता लगा कि मशरूम्स के पास अपना मस्तिष्क भी होता है, और महसूस करने की चेतना भी.
ताजा खुलासा ये हुआ कि अपने ब्रेन को तेज करने के लिए वे भी हमारी तरह की एक्टिव रहते हैं. मशरूम किस तरह की भाषा बोलते हैं, वैज्ञानिकों ने यह भी जानने की कोशिश की है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि वे लगभग 50 शब्द बोल पाते हैं. उनके हर शब्द की लंबाई में लगभग साढ़े पांच अक्षर होते हैं. हालांकि रोजमर्रा की बातचीत में वे लगभग 20 ही शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
इलेक्ट्रिकल इंपल्स यानी बिजली की तरंगों के जरिए ये शब्द एक से दूसरे तक पहुंचते हैं. इसी की मदद से वे मौसमी खतरों की बात भी दूसरों तक पहुंचाते हैं.
वैसे साइंटिस्ट मान रहे हैं कि अभी एकदम से कोई बड़ा दावा नहीं किया जा सकता, लेकिन मशरूम्स में ऐसा बहुत कुछ है, जो इंसानों के लिए जानना जरूरी है. डिटेल खबर नीचे पढ़ें.