कैसे पता चलता है कि खुदाई में मिली चीज हजारों साल पुरानी है? जानिए

24 Dec 2024

भारत अपनी प्राचीन सभ्यता के लिए प्रसिद्ध है, और इसी कारण यहां खुदाई के दौरान अक्सर कई मूल्यवान चीजें या पुराने काल के सामान मिलते हैं.

जब भी खुदाई में कोई वस्तु प्राप्त होती है, तो उसे जांचने के लिए पुरातत्व विभाग को बुलाया जाता है.

पुरातत्व विभाग का मुख्य कार्य यह है कि वह निर्धारित करे कि मिली हुई वस्तु कितनी पुरानी है और इसका ऐतिहासिक महत्व क्या हो सकता है.

अधिकतर लोगों के मन में सवाल आता है कि किसी भी वस्तु की उम्र की पहचान कैसै पता चलती है. आखिरी कैसे बताया जा सकता है कि यह हजारों साल पुरानी है? आइए आपको बताते हैं.

पुरातत्व विभाग किसी भी पुरानी वस्तु की उम्र का पता लगाने के लिए एक खास तकनीक का इस्तेमाल करता है, जिसे कार्बन डेटिंग कहा जाता है.

यह तकनीक विशेष रूप से उन चीजों की उम्र जानने के लिए उपयोग की जाती है, जो कभी जीवित रही हों, जैसे पौधे, जानवर या मनुष्य के अवशेष. इसे रेडियोकार्बन डेटिंग भी कहा जाता है.

इस प्रक्रिया में वैज्ञानिक किसी पुरानी वस्तु में मौजूद कार्बन तत्व की मात्रा का अध्ययन करते हैं और इसके आधार पर यह अनुमान लगाते हैं कि वह वस्तु कितनी पुरानी है.

दुनिया में पहली बार कार्बन डेटिंग का उपयोग ब्रिटेन के स्टोनहेंज में हुआ था. इसमें यह पता चला कि ये स्मारक तीन से दो हजार ईसा पूर्व अलग-अलग चरणों में हुआ.

रेडियो कार्बन डेटिंग के दौरान उन सारी चीजों की जांच हुई जो वहां मिले थे. इससे उसके बनने के समय के अंदाजा हुआ. इसके बाद से कार्बन डेटिंग होने लगी.

भारतीय पुरातत्व विभाग ने भी इसपर काफी काम किया और हजारों साल पुरानी हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की सभ्यता को भी खोज निकाला.  

Pictures Credit: Meta AI