10 Jan 2025
आज के समय में पुलिस कॉन्स्टेबल, कर्मचारी या किसी पुलिस अफसर को कितनी सैलरी मिलती है, इससे सभी वाकिफ हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं जब भारत देश पर अंग्रेजों की हुकुमत थी, उस वक्त पुलिस में भर्ती होने वाले भारतीयों को कितनी सैलरी मिला करती थी.
उस वक्त और आज की सैलरी में जमीन आसमान का अंतर है.
टाइम्स ऑफ इंडिया पर छपी खबर के अनुसार, एक्सेटर विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई इतिहास पढ़ाने वाले डॉ. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि 1860 में एक भारतीय सिपाही का मासिक वेतन 7 रुपये था.
साल 1895 में 9 रुपये और 1911 में हर महीने 11 रुपये सैलरी दी जाती थी. उस जमाने में यह रुपये दो आने और पांच पैसे के बराबर थे.
1860 के दशक और उसके बाद के भारतीय अधिकारियों की सैलरी थोड़ी बेहतर हुई थी.
घुड़सवार सेना में एक रिसालदार मेजर को 150 रुपये, रिसालदार को 80 रुपये और जमादार को 50 रुपये प्रति माह मिलते थे.
लेकिन यूरोपीय अधिकारियों को मिलने वाले वेतन की तुलना में ये वेतन काफी कम था. घुड़सवार सेना या घोड़े की तोप के अंग्रेज कर्नल को 1,478 रुपये प्रति माह, लेफ्टिनेंट कर्नल को 1,032 रुपये और मेजर को 929 रुपये मिलते थे.
आज के मानकों के अनुसार, उस समय कर्नल को लगभग 8 लाख रुपये के बराबर वेतन दिया जाता था.
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