27 Jan 2025
भारतीय रेलवे में ट्रेन चलाने वाले कर्मचारी को लोको पायलट कहा जाता है वहीं, मेट्रो के ड्राइवर को ट्रेन ऑपरेटर कहा जाता है.
रेलवे में लोकोपायलट बनने के लिए 12वीं पास आईटीआई सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है, इसी तरह मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए क्या करना होता है, सैलरी और सिलेक्शन प्रोसेस क्या है, आइए जानते हैं.
Glassdoor के अनुसार, दिल्ली मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर की शुरुआती सेलरी 39 हजार के आसपास होती है.
प्रमोशन होने के बाद यह सैलरी 91 हजार तक पहुंचती है.
वहीं, रेलवे में लोको पायलट के पद पर नियुक्त होने के बाद उम्मीदवारों को शुरुआत में 30 से 35 हजार रुपये वेतन दिया जाता है. जो अनुभव एवं योग्यता के आधार पर बढ़ता रहता है.
मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) या अन्य मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन करना होता है. आवेदन करने के बाद, लिखित परीक्षा और मेडिकल टेस्ट देना होता है.
इसके बाद, डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन और ट्रेनिंग होती है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही नियुक्ति होती है.
मेट्रो ड्राइवर के आंखों का टेस्ट जरूर किया जाता है. अगर दिखने में परेशानी होती है तो नौकरी नहीं दी जाती है.
मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए AICTE से मान्यता प्राप्त संस्थान से ITI पास होना या मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना जरूरी है.
लगभग मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर और रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए समान योग्यता चाहिए होती है. रेलवे में लोको पायलट के लिए भारतीय रेलवे वेकेंसी निकालता है.