पैरा कमांडो कैसे बनें? चयन प्रक्रिया और टफ ट्रेनिंग के बारे में जानें

29 Oct 2024

पैरा कमांडो भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स यूनिट है. इनका काम देश के दुश्मनों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देना है.

पैरा कमांडो कौन होते हैं?

पैरा कमांडो की चयन प्रक्रिया डायरेक्ट रिक्रूटमेंट और इंडियन आर्मी के जरिये होती है. कुल आवेदकों में से सिर्फ 2 से 5 फीसदी लोग ही इस स्पेशल फोर्स को जॉइन कर पाते हैं.

कैसे होती है भर्ती?

डायरेक्ट रिक्रूटमेंट में लोगों को सिविल से आर्मी रैली के द्वारा भर्ती किया जाता है. इनकी ट्रेनिंग बैंगलोर में करवाई जाती है.

डायरेक्ट भर्ती

इंडियन आर्मी में शामिल जो जवान पैरा रेजिमेंट में जाना चाहते हैं, उन्हें वालंटियर बनकर आवेदन करना पड़ता है. इसके लिए उनको कमांडिंग ऑफिसर की रिकमेन्डेशन लेनी पड़ती है.

इंडियन आर्मी

पैरा कमांडो फोर्स जॉइन करने के लिए जवान को पैराट्रूपर का टेस्ट पास करना बेहद जरूरी है. इसके बिना आप ट्रेनिंग के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं.

पैराट्रूपर टेस्ट

पैरा कमांडो बनने के लिए चयन प्रक्रिया 3 महीने तक चलती है. इस दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद कठिन दौर से गुजरना पड़ता है. ट्रेनिंग के दौरान 95% जवान अयोग्य घोषित कर दिए जाते हैं.

टफ ट्रेनिंग

इन्हें आगरा के एयरफोर्स के पैरा ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेंड किया जाता है. पानी में लड़ने के लिए कोच्चि के नौसेना डाइविंग स्कूल में भी ट्रेनिंग दी जाती है.

कहां होती है ट्रेनिंग?

ट्रेनिंग के दौरान दिन की शुरुआत शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से होती है. एक पैरा कमांडो को पैराशूट से कम से कम 50 जंप लगाना जरूरी होता है.