उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने का काम चल रहा है. टनल यानी सुरंग बनाने में सिर्फ मजदूरों का ही नहीं कई टनल इंजीनियर्स का भी बड़ा रोल होता है. आइए जानते हैं कैसे बनते हैं टनल इंजीनियर.
टनल इंजीनियर का काम टनल की डिजाइनिंग करना और उसका कंस्ट्रक्शन करवाना होता है. टनल अंडरग्राउंड कॉरिडोर है, जो चारो तरफ से बंद होती है.
टनल इंजीनियर बनने के लिए आपके पास सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री होना चाहिए. अगर आपके पास मास्टर डिग्री है तो और भी अच्छा है.
टनल इंजीनियर बनने के लिए आपकी प्रोब्लम सॉल्विंग स्किल्स बेहतर होना चाहिए. इसके अलावा आपके पास computer-aided design (CAD) सॉफ्टवेयर का अनुभव भी होना चाहिए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में टनल इंजीनियर को हर महीने करीब 1,73,615 रुपये सैलरी मिलती है. उन्हें 1,14,754 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मिलता है, जिसकी सीमा 68,853 रुपये से 1,60,656 तक होती है.
टनल इंजीनियर को NATM और TBM तकनीक के बारे में जानकारी भी होना चाहिए.
टनल के अंदर से मेट्रो और ट्रेन निकलती हैं इसलिए इनको बनाते समय गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है.