By Aajtak Education
डॉक्टर बनने के लिए, आपको उच्चतर माध्यमिक (12वीं कक्षा) की परीक्षा पास करनी होगी. इसमें विज्ञान (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान) में अच्छे अंक होने चाहिए.
डॉक्टरी के लिए नीट (National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा अनिवार्य है. यह राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाता है. आपको इस परीक्षा में पास होना होगा ताकि आप डॉक्टरी के लिए एडमिशन ले सकें.
नीट परीक्षा में क्वालीफाई होने के बाद, आपको अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल सकता है. चार साल के अध्ययन के बाद, आप बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं.
एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद, आपको एक साल का अनिवार्य इंटर्नशिप कार्यक्रम करनी होगी. इस दौरान आपको अस्पतालों में काम करने का एक्सपीरियंस मिलेगा और आपको अलग-अलग विभागों में ट्रेनिंग प्राप्त करने का अवसर मिलेगा.
इंटर्नशिप के बाद, आपको मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसमें विशेषज्ञता क्षेत्र (जैसे मेडिसिन, सर्जरी, पेडिएट्रिक्स, ऑब्स्टेट्रिक्स, रेडियोलॉजी आदि) में विशेषज्ञता प्राप्त करना शामिल होता है. यह आपके व्यक्तिगत रुचियों और लक्ष्यों पर निर्भर करेगा.
मेडिकल काउंसिल या स्टेट मेडिकल काउंसिल (State Medical Council) में रजिस्ट्रेशन करवाएं. यह आपको डॉक्टर के रूप में स्वीकृति देता है और आपको चिकित्सा प्रदान करने की अनुमति देता है.
यह प्रक्रिया लगभग 10-12 वर्षों का समय ले सकती है, जिसमें आपको शिक्षा, प्रशिक्षण और परीक्षाओं में समय बिताना होगा.