कैसे बनते हैं पुजारी? जिन्हें ₹18000 महीना सैलरी देगी 'दिल्ली सरकार'

02 Jan 2025

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) से पहले पुजारी-ग्रंथी योजना की घोषणा की है.

इस योजना में दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा साबिह के ग्रंथियों को 18000 रुपये महीना सम्मान राशि दी जाएगी. इसके रजिस्ट्रेशन 31 दिसंबर से शुरू हो गए हैं.

फिलहाल आप पार्टी ने योजना को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, जिसमें यह पता चले कि किन्हें पुजारी माना जाएगा. आइए जानते हैं पुजारी कैसे बनते हैं?

दरअसल, पुजारी (Hindu Priest) बनना एक धार्मिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो व्यक्ति की रुचि, ज्ञान और धर्म के प्रति समर्पण पर निर्भर करती है.

आमतौर पर ब्राह्मण परिवार के बच्चे अपने बड़ों से अध्यात्म-धार्मिक प्रक्रिया सीखते-समझते हुए पुजारी बन जाते हैं. लेकिन पुजारी बनने के लिए कुछ विशेष परंपरागत और आधुनिक तरीके हैं.

पुजारी बनने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को धर्म, शास्त्र और आध्यात्मिकता में गहरी रुचि होनी चाहिए. अच्छे नैतिक मूल्यों और जीवन शैली का पालन जरूरी है.

कैसे बनते हैं पुजारी?

आपको संस्कृत की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए. काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर, गुरुकुल समेत कई संस्थान वैदिक स्टडीज के लिए प्रसिद्ध हैं. जहां से आप 1 से 5 वर्ष तक का कोर्स कर सकते हैं.

लखनऊ यूनिवर्सिटी में पूजा कराने के लिए वोकेशनल कोर्स होता है जिसे अर्चक प्रशिक्षण नाम दिया गया है. इसमें पूजा की विधि से लेकर शंख बजाने के तरीके तक सिखाया जाता है.

इसके अलावा संस्थानों में वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) पुराण, उपनिषद, हवन, यज्ञ, पूजा और मंत्रों का उच्चारण आदि के बारे में पढ़ाया-सिखाया जाता है.

गुरु या वरिष्ठ पुजारी के मार्गदर्शन में अनुष्ठान सीखें. प्रैक्टिस के माध्यम से पूजा विधियों और मंत्रों को सही ढंग से अपनाएं. अगर आप संस्थान से कोर्स करते हैं, तो सर्टिफिकेट भी मिलता है.