By: Aajtak Education
भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) की भूमिका काफी प्रतिष्ठित है. एसडीएम बनना कई लोगों के लिए एक सपना होता है जो अपने देश की सेवा करना चाहते हैं. आइए जानते हैं एसडीएम कैसे बनते हैं.
Sub Divisional Magistrate यानी एसडीएम एक जिला अधिकारी (District Magistrate या DM) के बाद पूरे जिले में दूसरे नंबर का रुतबा रखता है.
एक डीएम पूरे जिले का मुख्य अधिकारी होता है, जो पूरे जिले के काम की देखरेख या निगरानी करता है. वहीं एसडीएम जिले के उपखंडों का काम देखता है और डीएम के अधीन काम करता है.
डीएम का चयन यूपीएससी सिविल परीक्षा के आधार पर होता है, वहीं एसडीए बनने के लिए राज्य स्तर की सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है.
हर राज्य का एक आयोग होता है जो सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है जैसे UPPSC, BPSC, RPSC और अन्य राज्य आयोग. राज्य स्तर की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने वाला SDM बनता है.
मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से बैचलर डिग्री प्राप्त कर चुके उम्मीदवार राज्य स्तर की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं.
आवेदक की उम्र 21 से 32 वर्ष तक ही होनी चाहिए. हालांकि रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में छूट मिलती है.
एसडीएम बनने के लिए राज्य सिविल परीक्षा ली जाती है जिसमें लिखित व इंटरव्यू के माध्यम से चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाता है.