By Aajtak.in
19 May 2023
हर किसी के जीवन में कभी न कभी ऐसा वक्त आता है जब व्यक्ति बहुत निराश और हताश महसूस करने लगता है.
कई लोग आसानी से इस वक्त को पार कर लेते हैं तो वहीं कुछ लोग इसी हताशा और निराशा में उलझ जाते हैं.
जब आप जरूरत से ज्यादा वक्त इस हताशा और निराशा में गुजार देते हैं तो जाने-अनजाने में ही आप प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को खराब कर लेते हैं.
जब भी आप अपने बुरे वक्त से हताश या निराश हो रहे हों तो आपको ये याद रखना चाहिए कि लाइफ में लगातार बदलाव आते रहते हैं. इसलिए आपका ये बुरा वक्त भी ज्यादा देर नहीं रुकेगा.
एक्सपर्ट्स की मानें तो जब आप हताश या निराश महसूस करते हैं तो आपको अपनी भावनाओं को एक पन्ने पर उतारने की जरूरत होती है.
जब आप अपनी डायरी में अपनी भावनाओं के बारे में लिखते हैं तो आपके मन से बोझ उतरता है और आप खुद-ब-खुद थोड़ा बेहतर महसूस करते हैं.
जब आप हताश या निराश होते हैं तो आपको नेगेटिव विचार बेहद परेशान करने लगते हैं. एक तरह से आपके नेगेटिव विचार आपके ऊपर हावी होने लगते हैं.
अगर आप अपने नेगेटिव विचारों को खुद पर हावी होने से रोक पाते हैं तो आप आसानी से अपने बुरे वक्त से निकल सकते हैं.
सोशल मीडिया पर जाने-अनजाने ही आप अपने जीवन की तुलना दूसरों से करने लगते हैं. इस वजह से आपके मन में और नेगेटिविटी आती है.
जब आप किसी एक्टिविटी में हिस्सा लेते हैं तो आपका मन थोड़ी देर के लिए ही सही पर अपनी परेशानियों से भटकता है.