03 March 2024
अगर आप वोट डालने जाएं तो बटन दबाने से पहले आपकी उंगली पर नीली स्याही लगाई जाती है, जो इस बात का सबूत है कि आपने किसी पार्टी को रूल करने के लिए चुना है.
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यह स्याही इसीलिए लगाई जाती है ताकि व्यक्ति कई बार मतदान करने की धोखाधड़ी ना करे.
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इस स्याही को आप कितना भी मिटाने की कोशिश कर लें यह हटने का नाम नहीं लेती है. क्या आप जानते हैं कि आखिर इसे किस चीज से बनाया जाता है?
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बता दें कि इस स्याही में सिल्वर नाइट्रेट होता है जो पराबैंगनी प्रकाश (ultravoilet light) के संपर्क में आने पर त्वचा पर दाग छोड़ देता है.
पराबैंगनी प्रकाश सूर्य के प्रकाश का एक घटक है, यानी रोशनी के संपर्क में आते ही सिल्वर नाइट्रेट त्वचा पर दाग दे देता है.
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इसे धोना असंभव है, समय के साथ यह खुद हट जाती है क्योंकि नई त्वचा कोशिकाएं मृत कोशिकाओं की जगह लेती रहती हैं.
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स्याही में सिल्वर नाइट्रेट की सांद्रता यानी कंसन्ट्रेशन 7 प्रतिशत से 25 तक होता है.
इस स्याही का निर्माण कर्नाटक सरकार के उपक्रम मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड (MPVL) में किया जाता है. कंपनी वोटर्स इंक के निर्माण और सप्लाई में स्पेशलाइज्ड है.
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MPVL भारत में इस फुलप्रूफ स्याही का एकमात्र अधिकृत आपूर्तिकर्ता है, जिसके पास 1962 से राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) द्वारा दिया गया विशेष लाइसेंस है.