इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) 2023 परीक्षा के परिणाम घोषित हो गए हैं जिसमें ऋषि मल्होत्रा ने तीसरी रैंक हासिल की है.
ऋषि मल्होत्रा ने अपने पहले अटेंप्ट में ही सीए की परीक्षा क्लियर कर ली है. 2019 में उन्होंने सीए की तैयारी करना शुरू किया था.
इंडियन एक्सप्रेस को दिए हुए इंटरव्यू में ऋषि ने बताया कि जब उन्होंने तैयारी शुरू की तब उन्हें नहीं पता था कि इतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
बातचीत में ऋषि ने कहा कि ‘मैंने एक सप्ताह के भीतर अपने पिता, दादा और अपनी दादी को कोविड के कारण खो दिया था. यह तब की बात है जब मैं अपनी आर्टिकलशिप कर रहा था.
यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मुझे अपने परिवार के पास रहने के लिए वापस जयपुर जाना पड़ा. चूंकि मेरी दोनों बड़ी बहनें शादीशुदा हैं, इसलिए मैंने केपीएमजी, जयपुर में इंटर्नशिप करना शुरू किया.
ऋषि ने आगे कहा कि ‘जब मैंने 2019 में अपनी सीए यात्रा शुरू की, तो मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के शीर्ष तीन कॉलेजों में से एक में जाना चाहता था, लेकिन जब मैं सफल नहीं हुआ, तो मैंने कम से कम चार्टर्ड अकाउंटेंसी में नाम रोशन करने का फैसला किया.
मुझे पता था कि मुझे अपने परिवार को प्राउड फील कराना है और कोविड में अपने तीन प्यारे परिवार के सदस्यों को खोने से मुझे अपना लक्ष्य याद आ गया. वे तीनों मेरे मार्गदर्शक हैं और उन्हीं की वजह से मुझे आज यह रैंक हासिल करने की ताकत मिली है.
ऋषि की मां वर्तमान में राजस्थान सरकार के पेंशन कार्यालय में निदेशक के रूप में काम करती हैं, और उनकी बहनें सीमेंस एजी (पुणे) और डेल इंक (बेंगलुरु) में काम करती हैं. उन्होंने कहा कि तीन महिलाओं ने उन्हें इस यात्रा को जारी रखने के लिए शक्ति और समर्थन दिया है.
ऋषि ने सीए बनने के लिए कोचिंग क्लासेज ली थीं, लेकिन फाइनल परीक्षा में बैठने से एक साल पहले उन्होंने उन कक्षाओं को पूरा किया और रिवीजन करना चालू किया था.
उनका कहना है कि जिस चीज़ ने उन्हें सबसे अधिक मदद की, वह नोट्स हैं जो उन्होंने खुद तैयार किए.
ऋषि का मानना है कि सीए फाइनल परीक्षा में सफल होने के लिए मॉक टेस्ट और रिवीजन महत्वपूर्ण हैं.