15 Jan 2025
प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में देशभर से साधु-संतों का जमावड़ा है. इसी बीच IIT मुंबई से पढ़े युवा इंजीनियर संत काफी चर्चा में हैं.
हरियाणा हिसार के रहने वाले अभय सिंह ने बहुत कम उम्र में अध्यात्म के रास्ते पर चलने का फैसला लिया. हालांकि वे अकेले IITian नहीं हैं, जो आईआईटी से पढ़ने के बाद संत बने हैं.
भक्ति शास्त्री और भिक्षु, प्रेरक वक्ता गौरांग दास ने 1989-1993 में आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है.
आध्यात्मिक शिक्षक और आईआईटी दिल्ली में जगद्गुरु कृपालुजी योग जेकेयोग प्रणाली के संस्थापक स्वामी मुकुंदानंद ने साल 1982 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक और आईआईएम कलकत्ता से पोस्टग्रेजुएशन किया है.
रसनाथ दास आईआईटी और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने आईआईटी से स्नातक की डिग्री और कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.
संकेत पारेख केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं. वह 22 जनवरी को मुंबई के बोरीवली में एक भव्य समारोह में दीक्षा लेने वाले 16 लोगों में से एक थे.
अविरल जैन ने आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में अपने पेशे को कंप्यूटर इंजीनियर से संन्यासी में बदल लिया. उन्होंने फरवरी 2019 में वॉलमार्ट कंपनी छोड़ी थी, उस समय उनका सालाना पैकेज 30 लाख रुपये था.
महान एम. जे को महान महाराज और स्वामी विद्यानाथानंद के नाम से भी जाना जाता है. सिर्फ एक भिक्षु या आईआईटियन नहीं, वह एक भारतीय गणितज्ञ हैं जो वर्तमान में मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में गणित के प्रोफेसर हैं.