By: Aajtak Education
भारत इस साल 15 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. 1947 में इसी दिन देश ने 200 साल के ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी की घोषणा की थी. आइए जानते हैं राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी 10 बातें
1. तिरंगे को पहली बार 22 जुलाई, 1947 को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था.
2. पहली बार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा फहराया था.
3. किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए.
4. आम नागरिकों को अपने घरों या ऑफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली.
5. 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था. इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी.
6. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए. यह इसका अपमान होता है. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता.
7. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है.
8. तिरंगे का चक्र, तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाई गई सारनाथ सिंह राजधानी में "व्हील ऑफ द लॉ" या धर्मचक्र दर्शाया गया है. इस चक्र का मतलब है कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है.
9. देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है.
10. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा, जिसका अनुपात 3:2 तय है. वहीं जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं.