14 Aug 2024
इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी. इस दिन देश के प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है.
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आज हम आपको बताएंगे कि तिरंगा फहराने और उतारने से जुड़े क्या नियम होते हैं.
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साल 2002 में भारतीय ध्वज संहिता लागू की गई थी. इसमें कुछ नियम तय गए थे, जो झंडा फहराने और उतारने को लेकर बनाए गए थे.
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भारतीय ध्वज संहिता के लागू होने के पहले तिरंगा सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही फहराया जाता था, लेकिन इसके आने के बाद झंडा पूरे सम्मान के साथ कहीं भी फहराया जा सकता है.
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पहले तिरंगे को सूर्यास्त के बाद नहीं फहराया जाता था, लेकिन 20 जुलाई 2022 को भारतीय ध्वज संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत संशोधन करते हुए अब झंडे को किसी भी समय फहराया जा सकता है.
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झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए और इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए.
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तिरंगा उतारते समय किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए. वहीं, तिरंगे के बगल में अगर किसी भी झंडे को लगाना है तो उसका स्थान तिरंगे के नीचे होना चाहिए.
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अगर झंडा फहराते समय या उतारते समय किसी भी प्रकार से कट-फट गया हो तो उसे अकेले में ले जाकर नष्ट करना चाहिए.
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