By: Aajtak Education
भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद हुए 76 साल पूरे हो चुके हैं. इस लंबी यात्रा के दौरान देशभक्ति नारों ने लोगों को जागरूक करने और एक सूत्र में बाधने का काम किया था.
किरण चंद्र बंधोपाध्याय ने 1873 में भारत माता नाटक के दौरान यह नारा दिया था.
रवींद्रनाथ टैगोर ने साल 1896 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अधिवेशन में इसका इस्तेमाल किया. अब ये राष्ट्रीय गीत है और हर राष्ट्रवादी कार्यक्रम में लगने वाला प्रमुख नारा है.
सुभाष चंद्र बोस ने इसे आज़ाद हिंद फौज का आधिकारिक ध्येय वाक्य बनाया. आज़ादी के बाद पुलिस और सेना में भी अपना लिया गया और आज के दौर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है.
साल 1965 में दिल्ली में हो रही एक जनसभा को संबोधित करते हुए लाल बहादुर शास्त्री जी ने ये नारा दिया था. बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण विस्फोट के बाद इसमें जय विज्ञान और जोड़ दिया था.
पंडित मदन मोहन मालवीय ने साल 1918 में इस नारे का इस्तेमाल किया था.
1929 में दिल्ली विधानसभा में भगत सिंह ने धमाका करने के बाद इस नारे का इस्तेमाल किया. अब हर दल और छात्र नेता इसका इस्तेमाल करते हैं.
साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने इसका इस्तेमाल किया था.