03 Sep 2024
भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं. आपने भी कभी न कभी ट्रेन से सफर जरूर किया होगा.
आपने कई बार गौर भी किया होगा कि ट्रैक की साइड में कुछ दूरी पर एल्युमिनियम के बॉक्स लगे होते हैं.
रेलवे ट्रैक के किनारे लगे एल्युमिनियम बॉक्स को 'एक्सल काउंटर बॉक्स कहते हैं.
इसके अंदर एक स्टोरेज डिवाइस होता है जो सीधे ट्रेन की पटरी से जुड़ा होता है.
रेलवे ट्रैक पर यह बॉक्स 3 से 5 किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाता है.
यह डिवाइस ट्रेन की पहियों को आपस में जोड़कर रहने वाले एक्सेल की गिनती करता है.
इससे हर 5 किलोमीटर पर ट्रेन के एक्सेल की गिनती की जाती है. जिससे यह पता लगाया जा सके कि जितने पहियों के साथ ट्रेन स्टेशन से निकली थी, आगे भी उसमें उतने है या नहीं.
अगर ट्रेन की यात्रा के दौरान कोई हादसा हो जाता है और एक या दो डिब्बे अलग हो जाते हैं तो यह 'एक्सल काउंटर बॉक्स' एक्सेल की गिनती करके बता देता है कि जो ट्रेन गुजरी है उसमें कितनी पहियों की संख्या कम है.
ट्रेन की पटरियों के ठीक बगल में लगा 'एक्सल काउंटर बॉक्स' ट्रेन के गुजरते वक्त उसके एक्सेल की गिनती कर लेता है. इसकी जानकारी तुरंत अगले बॉक्स को भेज देता है.
एक्सेल की संख्या कम होगी, जब ट्रेन का कोई डिब्बा उससे अलग हो जाएगा. ऐसे में हादसे से बचने के लिए ट्रेन को समय रहते रोकने में मदद मिलती है.