By: Aajtak Education
भारतीय रेलवे में महिला यात्रियों को कई तरह के अधिकार देती है. जिनसे आप यात्रा के दौरान होने वाली दिक्कतों का समाधान कर सकते हैं.
रेलवे की अधिनियम धारा 139 के अनुसार, रात में बिना टिकट यात्रा कर रही महिला को ट्रेन से उतारा नहीं जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो रेलवे अथॉरिटी से संबंधित टीटी के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है.
अगर कोई महिला या बच्चा बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए हैं तो उन्हें केवल दिन के समय प्रारंभिक स्टेशन, किसी जंक्शन, टर्मिनल स्टेशन या सिविल जिले के मुख्यालय में स्थित स्टेशन पर ही उतारा जा सकता है.
कोई रेल पास या टिकट न होने पर TTE रात के समय महिला या बच्चे को उतरने या रेल की किसी दूसरी बोगी में जाने के लिए नहीं कह सकता, जबतक कोई महिला कॉन्स्टेबल साथ ना जाए.
रेल में 45 साल के ऊपर की महिलाओं को लेडीज कोटा में प्राथमिकता मिलती है. इसे लेडीज कोटा में ही रखा जाता है.
45 साल के ऊपर की महिलाओं के साथ 3 साल तक का बच्चा फ्री में ट्रेवल कर सकता है. पहले यह सुविधा सिर्फ स्लीपर क्लास में थी, लेकिन अब यह एसी में भी है.
वहीं राष्ट्रपति से पुलिस मेडल और इंडियन पुलिस अवॉर्ड प्राप्त महिलाओं को किराए में 50 फीसदी की छूट दी जाती है. इसके अलावा युद्ध में शहीद हुए जवानों की पत्नियों को भी किराए में छूट मिलती है.
हर पैसेंजर ट्रेन में महिलाओं के लिए एक बोगी आरक्षित होती है, जिसमें पुरुषों का यात्रा करना दंडनीय है. सिर्फ 12 साल से कम उम्र के बच्चे अपने रिश्तेदारों के साथ यात्रा कर सकते हैं.
हाल ही में रेलवे अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था. प्रस्तावित कानून के तहत अगर कोई छेड़छाड़ करता पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल की सजा हो सकती है.