29 Sept 2024
IIT-JEE देश का सबसे कठिन एंट्रेंस एग्जाम है. जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद आईआईटी से पढ़ाई करने का सपना पूरा होता है.
हर साल लाखों युवा आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए जेईई एग्जाम में बैठते हैं. इसे क्रैक करने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है.
IIT में एडमिशन पाना इसलिए भी पहली पसंद माना जाता है, क्योंकि यहां से पढ़ाई करने के बाद अलग पहचान मिलती है. ऐसी ही पहचान बनाई है जेईई टॉपर अनुमुला जितेंद्र रेड्डी ने.
अनुमुला जितेंद्र रेड्डी का नाम उन लोगों में से जिन्होंने भारी-भरकम पैकेज छोड़कर अपने पेशन को फॉलो किया है.
आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले के रहने वाले अनुमुला जितेंद्र रेड्डी ने साल 2010 में आईआईटी जेईई में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की थी.
अनुमुला जितेंद्र रेड्डी ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस के बजाय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है.
IIT बॉम्बे से बीटेक करने के बाद उन्होंने बड़े-बड़े सैलरी पैकेज को चुनने के बजाय अपने पेशन को फॉलो किया और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चले गए.
इसके बाद उन्होंने दुनिया के टॉप विश्वविद्यालयों में से एक ETH ज्यूरिख से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की.
अनुमुला फिलहाल ETH ज्यूरिख के न्यूरोइंफॉर्मेटिक्स संस्थान (INI) से पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके कई रिसर्च पेपर भी पब्लिश हो चुके हैं.