46 जुड़वां, 2 तिड़वां, 20 से ज्यादा हमशक्ल... जालंधर का ये कैसा स्कूल

12 Sep 2024

पंजाब के जालंधर में एक ऐसा स्कूल है जहां स्टूडेंट्स के चेहरे देख हर कोई हैरान रह जाता है.

पंजाब के जालंधर में पुलिस डीएवी स्कूल है जहां एक साथ 46 जुड़वा बच्चे पढ़ाई करते हैं. साथ ही कई ट्रिपलेट भी हैं जो यहां शिक्षा ले रहे हैं.

इनमें से कुछ हमशक्ल हैं, जिनमें फर्क करना भी काफी मुश्किल हो जाता है.

नर्सरी क्लास से लेकर बारहवीं तक, इस स्कूल में हर उम्र के, हर कद-काठी के जुड़वां बच्चे हैं. 20 से ज्यादा बच्चे तो बिल्कुल हमशक्ल हैं.

आजतक की टीम ने जब इस स्कूल के बच्चों से बातचीत की तो हैरान करने वाली बात सामने आई है. सामने आया कि अधिकतर जुड़वा में दोनों बच्चों की आदतें भी एक दूसरे से मेल खाती हैं.

स्कूल की टीचर शिवानी ने बताया कि स्कूल में दो जुड़वा बहने हैं जो दोनों ही पढ़ने में टॉपर हैं.

स्कूल की प्रिंसिपल डॉक्टर रश्मि विज ने कहा कि मैंने स्कूल में देखा है कि आईडेंटिकल ट्विंस की शक्ल के साथ-साथ आदतें भी एक जैसी रहती हैं.

कई बार स्कूल के टीचर भी हमशक्ल स्टूडेंट में फर्क नहीं कर पाते हैं.

स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि जब एक पत्रकार ने उन्हें बताया कि वह जुड़वा बच्चों पर एक स्टोरी करना चाहते हैं, तो स्कूल ने डेटा की जांच की और पाया कि यहां काफी सारे जुड़वा बच्चे हैं.

किसी भी असमंजस से बचने के लिए इन बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में रखा जाता है लेकिन फिर भी कई बार शिक्षकों को कन्फ्यूजन हो जाता है.

स्कूल की एक छात्रा ने बताया कि कभी-कभी टीचर उनकी जगह उनकी बहन को डांट देते हैं. इसी तरह, एक शिक्षिका ने बताया कि जुड़वा बच्चों के कारण कई बार वह गलती से किसी और बच्चे के लिए क्लास में तालियां बजवा देती हैं.

जुड़वा बच्चे क्यों पैदा होते हैं इसके पीछे तीन स्थितियां होती हैं.

कभी-कभी ऐसा होता है कि गर्भाधान की क्रिया के बाद अंडा दो हिस्सों में बंट जाता है. इस स्थिति में गर्भाशय में दो अलग-अलग बच्चे विकसित होते हैं और एक साथ दो बच्चे पैदा हो जाते हैं.

इसके अलावा भी एक संभावना होती है. इस स्थिति में पुरुष के सीमन से दो स्पर्म महिला के अलग-अलग अंडों में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गर्भ में दो बच्चों होते हैं.

इस प्रकार से पैदा हुए बच्चे एक दूसरे से भिन्न होते हैं. इन दोनों बच्चों का जेंडर एक जैसा भी हो सकता है और अलग-अलग भी.