कब, क्यों और कैसे फटता है बादल? आसान शब्दों में समझें

By: Aajtak Education

09 जुलाई 2023

मॉनसून आते ही बादल फटने की घटनाएं सामने आती हैं. पिछले महीने हिमाचल प्रदेश के सोलन और हमीरपुर जिलों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. इससे अचनाक बाढ़ आ गई और भारी नुकसान हुआ. आइए जानते हैं क्यों और कैसे फटता है बादल?

मौसम विज्ञान की माने तो अगर किसी भी जगह पर 1 घंटे में 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो इस घटना को बादल का फटना कहते हैं.

बादल फटना क्या है?

वैज्ञानिक भाषा में 'क्लाउडबर्स्ट' या 'फ्लैश फ्लड' भी कहा जाता है. "अचानक, बहुत भारी बारिश होना’ ही बादल फटना है. बादल फटने की घटना में बहुत कम समय में अत्यधिक बारिश होती है.

बादल फटने की घटना तब होती है जब भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक जगह इक्कठा हो जाते हैं. ऐसा होने से वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में एक साथ मिल जाती हैं. 

कब फटता है बादल?

बूंदों का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि बादल की डेंसिटी बढ़ जाती है. डेंसिटी बढ़ने से अचानक तेज बारिश शुरू हो जाती है. 

सामान्य तौर पर धरती की सतह से 12-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर बादल फटने की घटना होती है. पहाड़ों की ऊंचाई की वजह से बादल आगे नहीं बढ़ पाते. 

फिर अचानक एक ही स्थान पर तेज़ बारिश होने लगती है. चंद सेकेंड में 2 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है. पहाड़ों पर अमूमन 15 किमी की ऊंचाई पर बादल फटते हैं.