इंडियन नेवी और एयरफोर्स पायलट में क्या अंतर है? जानिए

By Aajtak.Education

03 March 2023

भारत की थल सेना, एयरफोर्स और नेवी साथ मिलकर देश की सुरक्षा में तैनात रहती हैं. सभी सेनाओं का काम करने का तरीका और किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देने का तरीका अलग-अलग होता है. 

ऐसे ही एयरफोर्स के पायलट और नेवी के पायलट का काम करने का तरीका अलग होता है. आइए जानते हैं एयरफोर्स और नेवी के पायलट का क्या काम होता है.

 नौसेना के पायलट आमतौर पर मिशन के लिए तेज रिएक्ट करते हैं क्योंकि उनकी पोस्टिंग विमान वाहक पर होती है और वहां के क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देना होता है.

ट्रेनिंग

वहीं वायु सेना के पायलट अपने रीजन के एयर बेस में तैनात रहते हैं और उन्हें एक्शन लेने में टाइम लगता है. इसलिए उन्हें उस स्थिति के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.

एयर फोर्स और नेवी के प्लेन के साइज में काफी अंतर होता है. नेवी के पायलट विमान वाहक के डेक पर टेकऑफ और लैंडिंग के लिए छोटे विमानों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. 

एयरक्राफ्ट साइज

वहीं वायु सेना के पायलट बड़े विमान से ऑपरेशन को अंजाम देते हैं.

एयरफोर्स के प्लेन ज्यादा हथियार सामग्री ले जाने में सक्षम होते हैं. साथ ही नेवी में हेलीकॉप्टर का ज्यादा इस्तेमाल होता है. 

कई प्लेन को नेवी के आधार पर अलग से मोडिफाई किया जाता है.

एयरफोर्स पायलट हो या नेवी पायलट उन्हें एक बार प्लेन उड़ाने की इजाजत मिलने के बाद बैज के रूप में विंग्स दिए जाते हैं. 

पायलट विंग्स

एयरफोर्स पायलट को सिल्वर और नेवी के पायलट को गोल्ड विंग्स दिए जाते हैं.